Aagnbadi yojana- आंगनबाड़ी योजना

आंगनबाड़ी योजना क्या है, ICDS के उद्देश्य, आंगनबाड़ी योजना कब प्रारम्भ हुई, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना, प्रधानमंत्री गर्भावस्था योजना, ICDS योजना,
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 आंगनबाड़ी योजना क्या है। आंगनबाड़ी से संचालित योजनाओं का लाभ कैसे ले सकते हैं। 

भारत में आंगनबाड़ी योजना का शुभारम्भ केंद्र सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 1975 में किया गया था। आंगनबाड़ी योजना मुख्य रूप से मां और बच्चे की देखभाल के लिए चलाई गई योजना है, जो समेकित बाल विकास योजना के तहत आती है। इस योजना के अंतर्गत नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच, टीकाकरण, सफाई और स्वास्थ्य की जानकारी और स्कूल पूर्व की बुनियादी शिक्षा तीन वर्ष  तक के बच्चों की मां और उनके तीन से छह वर्ष के बच्चों को प्रदान की जाती है। 

वर्ष 2014 तक केंद्र और राज्य सरकारें के द्वारा इस योजना के अन्तर्गत राशन के खर्च में आधा- आधा सहयोग करती थी।  केंद्र सरकार नब्बे प्रतिशत प्रशासनिक खर्च वहन करती थी। वर्तमान में नई व्यवस्था के अनुसार प्रशासनिक खर्च व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय राज्य सरकार को ही देना पडेगा। यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है। इस योजना का 90 फीसदी अंश केंद्र सरकार और बाकी का 10 फीसदी अंश राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

एकीकृत बाल विकास परियोजना (ICDS)  क्या है-

भारत में महिलाओं एवं बच्चों का स्वास्थ्य एक चिंता का विषय है। संतुलित पोषण नहीं मिलने की वजह से महिलाओं व बच्चों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है। महिलाओं और बच्चों को सही पोषण मिले और उनका स्वास्थ्य अच्छा हो इसके लिए भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में तीन से छह वर्ष के बच्चों और उनकी मां को कुपोषण से बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा एकीकृत बाल विकास परियोजना  कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाड़ी योजना (“आंगन आश्रय” )को आरंभ किया गया है। 

आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य जांच के अलावा पुष्टाहार (पौष्टिक खाना) को उपलब्ध कराया जाता है।एकीकृत बाल विकास परियोजना (ICDS) के अंतर्गत प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY), मातृत्व लाभ कार्यक्रम, राष्ट्रीय पोषण मिशन जैसी कई योजनाएं आती हैं।

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एकीकृत बाल विकास परियोजना (ICDS) के उद्देश्य-

1 - 0-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करना।

2 - बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास की नींव प्रदान करना।

3 - बच्चों के मृत्यु दर, रुग्णता, कुपोषण और बच्चों के स्कूल छोड़ने की प्रवृति को कम करना।

4 - 3-6 वर्ष के बच्चों को स्कूल से पूर्व पढाई कराना।

5 - बाल विकास को बढ़ावा देना।

6 - विभिन्न विभागों के बीच नीति और कार्यान्वयन के प्रभावी समन्वय बनाना। 

7 - मां को उचित पोषण और स्वास्थ्य की शिक्षा देना।

आईसीडीएस के घटक -

आईसीडीएस के 4  घटकहैं 

1 - प्रारंभिक बचपन देखभाल शिक्षा और विकास (ईसीसीईडी)

2 - देखभाल और पोषण परामर्श।

3 - स्वास्थ्य सेवाएं।

4 - सामुदायिक जागरूकता, सूचना, शिक्षा और संचार।

 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम संचालित कुछ प्रमुख योजनाएं- 

1 - पीएम गर्भावस्था सहायता योजना 2021-  इस योजना का शुभारम्भ हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 1 जनवरी, 2017 को किया गया था। इस योजना  अंतर्गत 6000 रूपये की सहायता लाभार्थियों को दी जाती है। धनराशि लाभार्थी गर्भवती महिलाओं को सीधे उनके बैंक खाते में नकद लाभ देने के लिए किया जाता है, ताकि वे पोषक तत्व जैसे फल, साग सब्जी और दवाइयां को खरीद सकें। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से आंगनबाड़ी योजना के अंतर्गत देश भर में गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए की गई है।  पीएम गर्भावस्था सहायता योजना को प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना 2021 के नाम से भी जाना जाता है।

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यह योजना केंद्र सरकार द्वारा  महिलाओं और बच्चों के विकास मंत्रालय के माध्यम से संचालित की जा रही है। इस योजना में लाभार्थी गर्भवती महिलायें होगीं व उन्हें 6000 रूपये की धनराशि उनके पोषण के लिए दिया जाता है। इस योजना लाभ लेने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/आशा/एएनएम से संपर्क कर अपना नाम दर्ज दर्ज करवा सकते हैं।  या ऑनलाइन माध्यम - https://wcd.nic.in/ पर सूचना को दर्ज कर  लाभ लिया जा सकता है।

 प्रधानमंत्री गर्भावस्था सहायता योजना की पात्रता के लिए आवश्यक प्रपत्र (दस्तावेज़ )-

इस योजना में आवेदन करने वाली गर्भवती महिलाओं की उम्र 19 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। 

1 - राशन कार्ड।

2 -बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र।

3 - माता पिता दोनों का आधार कार्ड।

4 - माता पिता दोनों का पहचान पत्र।

5 - बैंक खाते की पासबुक।

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना-  इस योजना को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2017 को  आरम्भ किया गया था।  इस योजना के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं तथा उनके बच्चों को पोषण प्रदान करना है।  इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को ₹5000 की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में तीन किस्तों में  दी जाती है। इस योजना के माध्यम से पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को सरकार द्वारा 100% लाभ देने का निर्णय लिया गया है।

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 जननी सुरक्षा योजना- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत यह सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है। जननी सुरक्षा योजना भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रायोजित योजना है जिसका प्रारंभ 2005 में किया गया। इस योजना का उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करना है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1,400 रुपये और शहरी क्षेत्र की महिलाओं 1,000 रुपये प्रोत्साहन के रूप में दिए जाते हैं। 

 मिशन इंद्रधनुष-  "मिशन इंद्रधनुष" योजना का उद्देश्य उन बच्चों का टीकाकरण करना है, जो टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 25 दिसंबर 2014 को ‘मिशन इंद्रधनुष’ की शुरुआत की थी।   इस टीकाकरण योजना में डिफ्थेरिया,  बलगम, टिटनस, पोलियो, तपेदिक, खसरा तथा हेपेटाइटिस-बी रोकने जैसे सात टीके लगाए जाते हैं।

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