Benefits of red rice-लाल चावल के फायदे

लाल चावल के फायदे, कोलेस्ट्रॉल अनियंत्रित होने वाले रोग, हड्डी संबंधी रोग, मधुमेह,अस्थमा, पुरोला के रमा सिराई, रोग प्रतिरोधक व पौष्टिक
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लाल चावल के फायदे (Benefits of red rice)

उत्तराखंड राज्य के जनपद उत्तरकाशी के विकासखंड पुरोला के रमा सिराई  क्षेत्र में  उत्पादित लाल चावल दुनिया भर में प्रसिद्ध है।  भारत के पहाड़ी राज्यो के अलावा झारखंड, तमिलनाडु, केरल बिहार में लाल चावल उत्पादित किया जाता है। लाल चावल जिसे पोषण की दृष्टि  से पौष्टिक रूप में सबसे बेहतर पाया जाता है।  उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों  में  पारम्परिक रूप से जैविक खेती की जाती है जिससे उत्पाद उच्च गुणवत्ता और पोष्टिक रूप से भरपूर गुणों वाला उत्पादित होने से उत्पाद की मांग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक मांग रहती है। लाल चावल को केरल तमिलनाडु में  उमा नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद की जनक चरक संहिता में लाल चावल को रोग प्रतिरोधक पौष्टिक बताया गया है। 

लाल  चावल अपने अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के लिए लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। लाल चावल अपने पौष्टिक गुणों  जो साधारण चावल की तुलना में एंटीऑक्सिडेंट और मैग्नीशियम तत्व भरपूर मात्रा में शामिल होता है। जो कई बीमारियों को रोकने और ठीक करने में मदद करता है।

लाल चावल का रंग  एंथोसाइनिन (anthocyanin) नामक पदार्थ की उपस्थिति होने  यह लाल रंग को होता है। लाल चावल पौष्टिक गुणों के साथ साथ Antioxidant, Arteriosclerosis Preventive कैंसर प्रतिरोधी है। लाल चावल में Polifenol procyandine का antidyslipidemic गुण पाए जाते है जिसके कारण लाल चावल मेटाबॉलिक सिंड्रोम कई स्वास्थ्य उत्पादो में भी प्रयोग में लाया जाता है, जो कि डिसलिपिडीमिया तथा Hyperglycemia में लाभदायक होता है लाल चावल मधुमेह रोगियों, ल्यूकेरिया और टॉनिक के रूप में लाल चावल को प्रयोग किया जाता है  जहाँ विश्व मे लाल चावल की कीमत 250 रुपये प्रति किलो है वही भारत मे भी यह लगभग 150 रुपये तक भी बिकता है।

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विभिन्न रोग के प्रभाव को समाप्त करने में लाल चावल को प्रयोग किया जाता है। इसीलिए लाल चावल को रोग प्रतिरोधक के रूप में प्रयोग में लाया जा रहा है।  उत्तराखंड से सबसे ज्यादा  लाल चावल हिमाचल प्रदेश में खरीद किया जाता है और लाल चावल के गुण  की पहचान होने पर विभिन्न तरह की बिमारियों में इसका प्रयोग किया जाता है। मुख्य रूप से निम्न रोगों के रोगी लाल चावल का प्रयोग मुख्य रूप से करके स्वास्थ्य लाभ लेते हैं।

फ़ाइबर का एक अच्छा स्रोत

लाल चावल फ़ाइबर का एक अच्छा स्रोत है। घुलनशील और अघुलनशील फ़ाइबर से भरपूर, लाल चावल शरीर से विषाक्त पदार्थों को आसानी से निकाल सकता है।

कोलेस्ट्रॉल अनियंत्रित होने वाले रोग

चावल की भूसी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है जो हृदय संबंधी रोगों से बचने के लिए आवश्यक है ।

हड्डी संबंधी रोग

स्वस्थ हड्डियों के निर्माण के लिए मैग्नीशियम एक बहुत महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। लाल चावल मैग्नीशियम का एक बड़ा स्रोत है। मैग्नीशियम की कमी से ऑस्टियोपोरॉसिस और कम अस्थि घनत्व (low bone density) होता है।

मधुमेह

मधुमेह रोग शरीर में इन्सुलिन के स्तर के अनियंत्रित होने से होता है। इस रोग के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए लाल चावल का प्रयोग इंसुलिन के स्तर को शरीर में  नियंत्रित करने में मदद करता है।

अस्थमा

लाल चावल में मैग्नीशियम पाया जाता है। नियमित उपयोग से शरीर में ऑक्सीजन परिसंचरण में सुधार होता है जिससे अन्य रोगों से भी शरीर का बचाव होता है।  

श्री श्यालिक राम नौटियाल जी लाल चावल उत्पादक से वार्ता -


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